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रेस्टोरेंट के सर्विस चार्ज पर दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: अब नहीं लगेगा जबरन शुल्क
अक्सर रेस्टोरेंट और होटल में खाना खाने के बाद अपने बिल में एक अतिरिक्त चार्ज देखकर हैरान हुए होंगे। यह service charge है, जिसे रेस्टोरेंट द्वारा मूल बिल के ऊपर अतिरिक्त राशि के रूप में वसूला जाता है। लेकिन अब इस प्रथा पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
न्यायालय का निर्णय: सर्विस चार्ज वैकल्पिक
दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रेस्टोरेंट और होटल अपनी मर्जी से ग्राहकों से service charge नहीं वसूल सकते। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अपने फैसले में कहा कि:
- सर्विस चार्ज देना पूरी तरह से consumer’s choice होनी चाहिए
- इसे अनिवार्य रूप से बिल में शामिल नहीं किया जा सकता
- जबरन वसूली गलत तरीके से व्यापार करने (unfair trade practice) के समान है
Central Consumer Protection Authority (CCPA) के नियम सही
अदालत ने CCPA द्वारा जुलाई 2022 में जारी दिशा-निर्देशों को उचित ठहराया है। इन guidelines में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि:
- रेस्टोरेंट ग्राहकों के बिल में अनिवार्य रूप से service charge नहीं जोड़ सकते
- ऐसा करना unfair and restrictive trade practice की श्रेणी में आता है
- CCPA को consumer rights की रक्षा के लिए नियम बनाने का अधिकार है
रेस्टोरेंट एसोसिएशन की दलीलें खारिज
National Restaurant Association of India और Federation of Hotels and Restaurant Associations (FHRAI) ने अदालत में तर्क दिया था कि:
- सर्विस चार्ज लगाना एक वैश्विक प्रथा है
- यह जानकारी मेनू और रेस्टोरेंट में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाती है
- CCPA के पास इस प्रथा पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है
हालांकि, अदालत ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि consumer rights सर्वोपरि हैं।
क्या है इस फैसले का प्रभाव?
इस न्यायिक निर्णय के बाद:
- रेस्टोरेंट बिल में service charge को optional component के रूप में ही शामिल कर सकते हैं
- ग्राहक सेवा की गुणवत्ता के आधार पर सर्विस चार्ज देने या न देने का निर्णय ले सकते हैं
- अगर कोई रेस्टोरेंट जबरन service charge वसूलता है, तो ग्राहक इस न्यायिक फैसले का हवाला देकर विरोध कर सकते हैं
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि अनिवार्य सर्विस चार्ज से ग्राहकों में भ्रम पैदा होता है, क्योंकि वे इसे सरकारी tax या GST के रूप में समझते हैं, जबकि यह एक अलग शुल्क है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: क्या रेस्टोरेंट अब बिल्कुल भी सर्विस चार्ज नहीं ले सकते?
रेस्टोरेंट service charge ले सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं हो सकता। उन्हें स्पष्ट रूप से बताना होगा कि यह एक वैकल्पिक शुल्क है, और ग्राहक इसे देने से मना कर सकते हैं। यदि ग्राहक सेवा से संतुष्ट है और स्वेच्छा से देना चाहता है, तभी यह शुल्क लिया जा सकता है।
Q2: अगर रेस्टोरेंट फिर भी जबरन सर्विस चार्ज वसूले तो मुझे क्या करना चाहिए?
यदि कोई रेस्टोरेंट अभी भी mandatory service charge वसूल रहा है, तो आप:
- रेस्टोरेंट प्रबंधन से इस बारे में बात कर सकते हैं और दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का हवाला दे सकते हैं
- National Consumer Helpline (1800-11-4000) पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं
- CCPA की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं
Q3: क्या सर्विस चार्ज और टिप में कोई अंतर है?
हां, service charge और tip दो अलग-अलग चीजें हैं:
- सर्विस चार्ज रेस्टोरेंट द्वारा बिल में शामिल किया जाता है और कर्मचारियों के बीच वितरित किया जाता है
- टिप एक स्वैच्छिक राशि है जो ग्राहक अच्छी सेवा के लिए सीधे सेवा प्रदाता को देता है
- अब दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार, सर्विस चार्ज भी टिप की तरह वैकल्पिक हो गया है
इस फैसले से ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब वे केवल अच्छी सेवा के लिए ही अतिरिक्त शुल्क देने का निर्णय ले सकते हैं, न कि इसे अनिवार्य रूप से चुकाने के लिए बाध्य होंगे।