भारतीय राजनीति में पैसे का बढ़ता प्रभाव: ORF रिसर्च का खुलासा
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की हालिया रिपोर्ट, “The Cost of Politics in India”, ने भारतीय राजनीति में धन के बढ़ते महत्व को उजागर किया है। यह रिपोर्ट बताती है कि राजनीति में करियर बनाने के लिए अब एक अच्छे वक्ता से ज्यादा अमीर होना जरूरी है। चुनावी प्रक्रिया से लेकर निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थिति बनाए रखने तक, उम्मीदवारों को लगातार भारी खर्च का सामना करना पड़ता है।
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रिपोर्ट की मुख्य बातें
- उम्मीदवारों का खर्च:
- निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थिति बनाए रखने के लिए ₹3-4 लाख प्रति माह खर्च करना पड़ता है।
- चुनाव प्रचार पर लोकसभा सीट के लिए ₹5-10 करोड़ तक खर्च होता है।
- हाई-प्रोफाइल सीटों पर यह खर्च ₹100 करोड़ तक पहुंच सकता है, खासकर तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में।
- पार्टी टिकट के लिए भुगतान:
- क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों को पार्टी टिकट सुरक्षित रखने के लिए ₹3-4 करोड़ तक देने पड़ते हैं।
- यह प्रवृत्ति धनवान उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती है, जिससे गरीब और जमीनी स्तर के राजनेताओं के लिए राजनीति में प्रवेश कठिन हो जाता है।
- चुनाव खर्च का निरंतर दबाव:
- चुनाव जीतने के बाद भी निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थिति बनाए रखने, पार्टी गतिविधियों को वित्त पोषित करने और अगले चुनाव की तैयारी के लिए खर्च करना पड़ता है।
राजनीति में धन का प्रभाव
रिपोर्ट ने कई चिंताजनक पहलुओं को उजागर किया है:
- धन आधारित चयन प्रक्रिया: पार्टी टिकट प्राप्त करने और चुनाव लड़ने के लिए धनवान उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
- वोट खरीदने की प्रवृत्ति: कुछ क्षेत्रों में उम्मीदवार मतदाताओं को ₹2,000-7,000 तक वितरित करते हैं, जिससे लोकतंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही प्रभावित होती है।
- महिलाओं और युवाओं के लिए बाधा: धन की आवश्यकता महिलाओं, युवाओं और वंचित वर्गों के उम्मीदवारों के लिए राजनीति में प्रवेश कठिन बना देती है।
सुधार की आवश्यकता
ORF रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि भारतीय लोकतंत्र को धन आधारित प्रणाली से बचाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- सार्वजनिक वित्त पोषण का प्रावधान।
- पार्टी संरचनाओं का लोकतंत्रीकरण।
- पारदर्शिता बढ़ाने और कानूनी खामियों को दूर करने हेतु सख्त नियम लागू करना।
FAQs
Q1: भारतीय राजनीति में प्रवेश करने के लिए कितना खर्च होता है?
राजनीति में करियर बनाने के लिए ₹3-4 लाख प्रति माह खर्च करना पड़ता है, जबकि चुनाव प्रचार पर ₹5-10 करोड़ तक खर्च हो सकता है।
Q2: क्या पार्टी टिकट प्राप्त करने के लिए धन देना आवश्यक है?
हां, ORF रिपोर्ट बताती है कि कई क्षेत्रीय दलों में उम्मीदवारों को पार्टी टिकट सुरक्षित रखने के लिए ₹3-4 करोड़ तक देना पड़ता है।
Q3: भारतीय लोकतंत्र पर धन आधारित प्रणाली का क्या प्रभाव पड़ता है?
धन आधारित प्रणाली गरीब और जमीनी स्तर के राजनेताओं को राजनीति से बाहर कर देती है, जिससे लोकतंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही प्रभावित होती है।