MP सरकारी दफ्तरों में डाकिया बंद! E-Office से अब काम

मध्य प्रदेश सरकार ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ई-ऑफिस व्यवस्था को लागू किया है। अब मंत्रालय और हेड ऑफिस में आने वाले सभी पत्राचार केवल ई-मेल के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे, जिससे डाकिया प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था, जिसे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनवरी 2025 में शुरू किया था, सरकारी कार्यों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है।

ई-ऑफिस के लाभ:

  • कागज की बचत: अब कागज़ और हार्ड कॉपी की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे सरकारी खर्चों में कमी आएगी।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया: सभी विभागीय और अंतर विभागीय पत्राचार ई-मेल के माध्यम से होंगे, जिससे कार्यों में तेजी आएगी।
  • यात्रा भत्ते में बचत: डाक के माध्यम से यात्रा भत्ते की बचत होगी, क्योंकि सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन होंगी।
  • डिजिटल सिग्नेचर: महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों पर डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य होगा, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी।

ऑनलाइन कार्यों की सूची:

  • यात्रा और टूर प्रोग्राम आवेदन तथा अनुमोदन
  • पे शीट और कर कटौती
  • नागरिकों द्वारा प्राप्त आवेदन और शिकायतों का निराकरण
  • सार्वजनिक कार्यक्रमों की सूचना
  • टेंडर प्रक्रिया के दौरान प्री-बिड क्लेरिफिकेशन्स

प्रशिक्षण: अधिकारियों और कर्मचारियों को इस नई प्रणाली के लिए प्रशिक्षित किया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय में भी ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य संचालित हो रहे हैं, और इसकी प्रगति पर नियमित समीक्षा की जाती है।

FAQs:

  1. ई-ऑफिस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या है?
  • ई-ऑफिस प्रणाली का उद्देश्य सरकारी कार्यों को तेज़, पारदर्शी और पेपरलेस बनाना है।
  1. क्या ई-मेल पर भेजे गए पत्रों का निराकरण भी ऑनलाइन होगा?
  • हाँ, सभी ई-मेल पत्रों का निराकरण ऑनलाइन किया जाएगा।
  1. क्या इस प्रणाली से यात्रा भत्ते में कोई बदलाव होगा?
  • जी हाँ, डाक के माध्यम से यात्रा भत्ते की प्रक्रिया समाप्त होने से इसमें बचत होगी।
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