महाराष्ट्र में 1 अप्रैल 2025 से FASTag अनिवार्य: जानें नए नियम और इसके प्रभाव
महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से राज्य के सभी टोल प्लाजा पर FASTag का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। यह कदम टोल कलेक्शन को पारदर्शी बनाने, ट्रैफिक जाम कम करने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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FASTag के नए नियम
- अनिवार्यता:
- सभी चार पहिया वाहन मालिकों को FASTag का उपयोग करना होगा।
- FASTag न होने पर या अन्य भुगतान माध्यमों (कैश, UPI, कार्ड) का उपयोग करने पर डबल टोल शुल्क देना होगा।
- छूट:
- हल्की गाड़ियां, राज्य परिवहन बसें, और स्कूल बसें टोल भुगतान से छूट प्राप्त करेंगी।
- लागू स्थान:
- मुंबई के एंट्री पॉइंट्स (दहिसर, मुलुंड पश्चिम, मुलुंड पूर्व, ऐरोली, वाशी)।
- अन्य प्रमुख टोल प्लाजा जैसे बांद्रा-वर्ली सी लिंक, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे आदि।
FASTag का उद्देश्य
- ट्रैफिक जाम कम करना: टोल प्लाजा पर वाहनों की कतारें कम होंगी।
- समय और ईंधन की बचत: डिजिटल भुगतान से वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे।
- पारदर्शिता: टोल कलेक्शन में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
FASTag कैसे काम करता है?
- FASTag एक RFID (Radio Frequency Identification) आधारित तकनीक है।
- इसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है।
- टोल प्लाजा पर स्कैनर इसे पढ़कर सीधे आपके लिंक्ड बैंक खाते या वॉलेट से शुल्क काट लेता है।
प्रभावित वाहन और परियोजनाएं
- यह नियम महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) और लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा संचालित सभी टोल प्लाजा पर लागू होगा।
- MSRDC के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
FAQs
- FASTag न होने पर क्या होगा?
- यदि वाहन चालक FASTag का उपयोग नहीं करता है, तो उसे डबल टोल शुल्क देना होगा।
- किन वाहनों को छूट मिलेगी?
- हल्की गाड़ियां, राज्य परिवहन बसें, और स्कूल बसें टोल भुगतान से छूट प्राप्त करेंगी।
- FASTag कहां से खरीद सकते हैं?
- FASTag बैंक शाखाओं, पेट्रोल पंपों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स (Paytm, Amazon), और NHAI के अधिकृत केंद्रों पर उपलब्ध है।