गुजरात विधानसभा ने गुजरात भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया है, जिसका उद्देश्य बिना एनए (नॉन-एग्रीकल्चर) वाली जमीन पर किए गए निर्माणों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है। यह विधेयक राज्य के 30 लाख से अधिक घरों को सीधे लाभ पहुंचाएगा और नागरिकों को बुनियादी आवास जरूरतों का कानूनी अधिकार देने की कोशिश कर रहा है।
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विधेयक का मुख्य उद्देश्य
सरकार का मानना है कि इस संशोधन से संबंधित व्याख्या संबंधी समस्याएं, मुकदमेबाजी और प्रशासनिक जटिलताएं कम होंगी। यह विधेयक उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपनी जमीन पर निर्माण किया लेकिन आवश्यक अनुमति प्राप्त करने में चूक गए। इसके माध्यम से, उन्हें अनुबंध के उल्लंघन के कारण होने वाले नुकसान से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण पहलू:
- सोसायटियों के मकान मालिकों को लाभ: जिन मकान मालिकों ने अपनी जमीन पर निर्माण किया है लेकिन नियमित नहीं हुए हैं, वे अब प्रीमियम, जुर्माना या ब्याज का भुगतान कर दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे।
- सरकारी भूमि पर निर्माण: कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि क्या सरकारी या चरागाह भूमि पर निर्माण को नियमित किया जाएगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिल्डर या सरकारी जमीन हड़पने वालों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
विधेयक में संशोधन
मंत्री ने बताया कि 2017 में संशोधित कानून में कुछ बदलाव आवश्यक पाए गए थे, जिसके तहत गुजरात भूमि राजस्व अधिनियम, 1879 के अध्याय 9(ए) की धारा 125(6)(1) में संशोधन किया गया है।
FAQs:
Q1: इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
विधेयक का उद्देश्य बिना एनए वाली जमीन पर किए गए निर्माणों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना और नागरिकों को बुनियादी आवास जरूरतों का कानूनी अधिकार देना है।
Q2: क्या यह विधेयक सरकारी भूमि पर निर्माण को नियमित करेगा?
नहीं, मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिल्डर या सरकारी जमीन हड़पने वालों को इससे कोई लाभ नहीं होगा।
Q3: इस विधेयक से कितने घरों को लाभ मिलेगा?
इस विधेयक से गुजरात के 30 लाख से अधिक घरों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।