नया इमिग्रेशन बिल: सख्त नियमों का आगाज
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया है, जिसका उद्देश्य भारत की सीमाओं को मजबूत करना और विदेशियों के प्रवेश को नियंत्रित करना है। इस बिल के मुख्य प्रावधानों में शामिल हैं:
- फर्जी पासपोर्ट पर सख्ती: अगर कोई व्यक्ति फर्जी पासपोर्ट या नकली दस्तावेजों का उपयोग करके भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 2 से 7 साल की जेल या 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बिना वैध पासपोर्ट के प्रवेश करने पर 5 साल की जेल या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
- विदेशियों की जानकारी: होटल, यूनिवर्सिटी, और अस्पतालों को विदेशियों के बारे में सरकार को जानकारी देनी होगी। विदेशियों को अपनी गतिविधियों और आवाजाही के बारे में भी जानकारी देनी होगी.
- पुराने कानूनों का निरस्तीकरण: इस बिल के लागू होने से पासपोर्ट (एंट्री इनटू इंडिया) अधिनियम 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स अधिनियम 1939, फॉरेनर्स अधिनियम 1946, और इमिग्रेशन (कैरियर्स लायबिलटी) अधिनियम 2000 निरस्त हो जाएंगे.
FAQs
- क्या है इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 का मुख्य उद्देश्य?
- इस बिल का मुख्य उद्देश्य भारत की सीमाओं को मजबूत करना और विदेशियों के प्रवेश को नियंत्रित करना है, साथ ही अवैध प्रवेश पर सख्त कार्रवाई करना है।
- क्या होगा अगर कोई व्यक्ति फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करता है?
- फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करने पर 2 से 7 साल की जेल या 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- क्या विदेशी नागरिकों को भारत में रहने के लिए कुछ विशेष शर्तें होंगी?
- हां, विदेशी नागरिकों को अपनी गतिविधियों और आवाजाही के बारे में जानकारी देनी होगी। उन्हें विशिष्ट क्षेत्रों में रहने के लिए निर्देशित किया जा सकता है और उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकती है।