भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री में लगातार वृद्धि हो रही है, जो न केवल पैसेंजर कारों और भारी वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र में, बल्कि टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेगमेंट में भी स्पष्ट है। वित्त वर्ष 2024-25 में, देश में 13 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर बेचे गए हैं, जैसा कि भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत का ई-ट्रांसपोर्ट सेक्टर सहायक नीतियों के माध्यम से महत्वपूर्ण विकास के लिए तैयार है।
इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर की बिक्री में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री 21 प्रतिशत बढ़कर 11,49,334 यूनिट्स तक पहुंच गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 9,48,561 यूनिट्स थी। इसी तरह, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (L5) की बिक्री 1,59,235 यूनिट्स तक पहुंच गई, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में बेची गई 1,01,581 यूनिट्स की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है।
सरकारी योजनाओं का प्रभाव
भारत का ई-ट्रांसपोर्ट सेक्टर सरकारी पहलों, तकनीकी प्रगति और पर्यावरण संबंधी चिंताओं से प्रेरित होकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारी उद्योग मंत्रालय ने ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव)’ योजना को अधिसूचित किया है, जिसके तहत 31 मार्च 2026 तक 10,900 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 में एक मिलियन से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया और 1,22,982 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर रजिस्टर किए गए हैं।
FAQs
- भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री क्यों बढ़ रही है?
सरकारी नीतियों और उपभोक्ताओं की बढ़ती पर्यावरणीय जागरूकता के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि हो रही है। - कौन सी कंपनियाँ भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स का निर्माण कर रही हैं?
ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी और TVS मोटर जैसी कंपनियाँ प्रमुख रूप से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स का उत्पादन कर रही हैं। - क्या भारत का ईवी बाजार भविष्य में और बढ़ेगा?
हाँ, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत का ईवी बाजार तेजी से विकसित होगा, खासकर सरकारी समर्थन और तकनीकी प्रगति के कारण।