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पंचक 2025: चोर पंचक की अवधि और सावधानियां
23 अप्रैल 2025 को सुबह 12:31 बजे से पंचक की शुरुआत होगी, जो 27 अप्रैल 2025 को सुबह 3:39 बजे समाप्त होगा। इस बार पंचक के दौरान चोर पंचक रहेगा। इस समय में कुछ कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह अवधि धन हानि, चोरी और धोखाधड़ी जैसी घटनाओं के लिए अशुभ मानी जाती है।
पंचक का महत्व और प्रकार
पंचक पांच प्रकार के होते हैं:
- अग्नि पंचक: आग और दुर्घटनाओं का खतरा.
- चोर पंचक: चोरी और धन हानि की संभावना.
- राज पंचक: प्रशासनिक सफलता लेकिन विवाद की आशंका.
- रोग पंचक: स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि.
- मृत्यु पंचक: अशुभ घटनाओं की संभावना.
इस बार चंद्रमा शतभिषा नक्षत्र में होने के कारण चोर पंचक रहेगा।
चोर पंचक में न करें ये कार्य
- नया व्यापार या निवेश:
इस दौरान कोई नया व्यापार शुरू न करें या निवेश से बचें, क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। - कीमती वस्तुएं न खरीदें:
सोना, चांदी, वाहन, प्रॉपर्टी जैसी महंगी चीजें खरीदने से बचें। इनका चोरी या खराब होने का खतरा रहता है। - धन का लेन-देन न करें:
उधार लेने-देने से बचें। इस समय दिया गया पैसा वापस मिलने में कठिनाई हो सकती है। - जॉब चेंज न करें:
नई नौकरी ज्वाइन करने या व्यापार में नई साझेदारी करने से बचें, क्योंकि इससे स्थिरता नहीं रहती। - यात्रा से बचें:
खासकर दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। इससे सामान खोने या दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
चोर पंचक में क्या करें
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगाएं।
- भगवान शिव को जल, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- श्रीसूक्त का पाठ करें और माता लक्ष्मी के मंदिर में चावल, दूध और मिश्री का दान करें।
- यात्रा आवश्यक हो तो गुड़ खाकर और हनुमान चालीसा पढ़कर यात्रा शुरू करें।
- घर के दरवाजे पर हल्दी-कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
FAQs
1. चोर पंचक कब शुरू हो रहा है?
चोर पंचक 23 अप्रैल 2025 को सुबह 12:31 बजे शुरू होकर 27 अप्रैल 2025 को सुबह 3:39 बजे समाप्त होगा।
2. चोर पंचक में कौन-कौन से कार्य वर्जित हैं?
इस दौरान नया व्यापार, निवेश, महंगी वस्तुओं की खरीदारी, धन का लेन-देन और दक्षिण दिशा की यात्रा से बचना चाहिए।
3. चोर पंचक के दौरान शुभ फल पाने के लिए क्या करें?
हनुमान चालीसा का पाठ करें, भगवान शिव को जल अर्पित करें और श्रीसूक्त का पाठ कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दान करें।