भारत अब अपना स्वदेशी वेब ब्राउजर विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है, जो डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मानकों का पालन करेगा। वर्तमान में, इंटरनेट उपयोग के लिए सबसे अधिक गूगल क्रोम का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक अमेरिकी कंपनी है। इस संदर्भ में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में ‘वेब ब्राउजर चैलेंज’ के विजेताओं की घोषणा की।
वेब ब्राउजर चैलेंज के विजेता
इस प्रतियोगिता में 58 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से तीन विजेताओं को चुना गया:
- पहला स्थान: टीम Zoho – पुरस्कार राशि 1 करोड़ रुपये
- दूसरा स्थान: टीम Ping – पुरस्कार राशि 75 लाख रुपये
- तीसरा स्थान: टीम Ajna – पुरस्कार राशि 50 लाख रुपये
यह प्रतियोगिता टियर-2 और टियर-3 शहरों से प्रतिभागियों को शामिल कर भारत के डिजिटल क्षेत्र में बढ़ती प्रतिभा को दर्शाती है।
भारत को अपने वेब ब्राउजर की आवश्यकता क्यों?
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत का आईटी सेक्टर 282 बिलियन डॉलर से अधिक का है, लेकिन अब तक इसका मुख्य फोकस सेवाओं पर था। सरकार अब भारत को एक ‘प्रोडक्ट नेशन’ बनाने पर ध्यान दे रही है, जहां स्वदेशी सॉफ्टवेयर उत्पाद विकसित किए जाएं। स्वदेशी ब्राउजर के विकास से डेटा सुरक्षा सुनिश्चित होगी और डेटा लीक का खतरा कम होगा।
FAQs
- भारत का नया वेब ब्राउजर कब लॉन्च होगा?
सरकार की योजना है कि स्वदेशी वेब ब्राउजर का विकास और लॉन्च 2024 के अंत तक पूरा हो जाएगा। - इस ब्राउजर के क्या लाभ होंगे?
यह ब्राउजर डेटा सुरक्षा को बनाए रखेगा और देश की डेटा को सुरक्षित रखेगा, जिससे डेटा लीक का खतरा कम होगा। - क्या यह ब्राउजर अन्य प्लेटफार्मों पर काम करेगा?
हां, यह iOS, Windows और Android सभी प्लेटफार्मों पर काम करेगा।