भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। डॉ. क्रिथिगा श्रीधर के अनुसार, प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों के कारण कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2025 के बीच कैंसर के मामलों में 12% की वृद्धि का अनुमान है, जिससे इस वर्ष कैंसर के मामलों की संख्या 15.7 लाख तक पहुँचने की संभावना है।
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कैंसर के बढ़ने के कारण:
- लाइफस्टाइल में बदलाव: भारतीयों की जीवनशैली में बदलाव और बढ़ता प्रदूषण मुख्य कारण हैं।
- तंबाकू और शराब का सेवन: इनका बढ़ता उपयोग फेफड़ों, मुंह और कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों को बढ़ा रहा है।
- प्रोसेस्ड फूड: खाने में पोषक तत्वों की कमी और अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी कैंसर का कारण बन रहा है।
कैंसर का युवा पीढ़ी पर प्रभाव:
डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर के मामले अब युवा पीढ़ी में भी बढ़ रहे हैं। डॉ. डेल रोड्रिग्स ने बताया कि इंडस्ट्री द्वारा उपयोग किए जाने वाले केमिकल्स ने पानी और हवा को प्रदूषित कर दिया है, जिससे कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ गया है।
संभावित आंकड़े:
- 2025 तक: ICMR के अनुसार, हर नौ में से एक भारतीय को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना है।
- महिलाओं और पुरुषों में: 2015 से 2025 तक सभी प्रकार के कैंसर के मामलों में 27.7% की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है।
कैंसर की रोकथाम:
- रोकथाम और समय पर पहचान: सरकार ने कैंसर की रोकथाम और पहचान के लिए कई नीतियाँ लागू की हैं।
- जागरूकता कार्यक्रम: आयुष्मान आरोग्य मंदिर और अन्य स्वास्थ्य अभियानों के माध्यम से कैंसर जागरूकता बढ़ाने की कोशिशें जारी हैं।
FAQs:
- कैंसर के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
- लाइफस्टाइल में बदलाव, प्रदूषण, तंबाकू और शराब का सेवन, और प्रोसेस्ड फूड जैसे कारक इसके प्रमुख कारण हैं।
- क्या युवा पीढ़ी भी कैंसर से प्रभावित हो रही है?
- हाँ, हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि युवा पीढ़ी में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- कैंसर की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- सरकार ने रोकथाम, पहचान और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ और नीतियाँ लागू की हैं।